भारत में स्तन कैंसर (Breast Cancer) के बाद महिलाओं में होने वाली दूसरी बड़ी बीमारी है सर्वाइकल कैंसर (Cervical Cancer). एचजीसी कैंसर सेंटर की सितंबर 2019 की रिपोर्ट के अनुसार, 53 में से 1 भारतीय महिला को जीवनकाल में यह बीमारी होती है. गर्भाशय (Uterus) में कोशिकाओं (सेल्स) की अनियमित वृद्धि के कारण यह कैंसर होता है. समय रहते इसका उपचार किया जाए तो बचा जा सकता है, लेकिन सबसे बड़ी समस्या है जागरूकता का अभाव. भारत ही नहीं कई देशों में यही स्थिति है. जैसे- ऑस्ट्रेलियन इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ एंड वेलफेयर की रिपोर्ट के अनुसार वहां 45 फीसदी महिलाओं को इस बीमारी की मूलभूत जानकारी नहीं है. बहरहाल, सबसे अच्छी बात यह है कि अन्य प्रकार के कैंसर (Cancer) को नहीं रोका जा सकता, लेकिन सर्वाइकल कैंसर की रोकथाम संभव है. ताजा खबर यह है कि अक्टूबर 2019 में ऑस्ट्रेलिया की क्वींसलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इस कैंसर के इलाज का दावा किया है. जीन एडिटिंग टेक्नोलॉजी का चूहों पर सफल परीक्षण किया है.
सर्वाइकल कैंसर के लक्षण
नेशनल सेंटर ऑफ बायोटेक्नोलॉजी इंफोर्मेशन (एनसीबीआई) के अनुसार स्त्री रोग संबंधी लक्षण ही सर्वाइकल कैंसर की शुरुआत होते हैं. इसलिए इन्हें हल्के में न लेते हुए डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए.अगर व्हाइट डिस्चार्ज की शिकायत है तो इसे हल्के में न लें. वेजाइना से बदबूदार पानी का रिसाव होना सर्वाइकल कैंसर का एक लक्षण है. तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें.
पेट के निचले भाग में दर्द हो और इसके साथ ही पीरियड्स के बीच में स्पॉटिंग या संबंध बनाते समय ब्लीडिंग हो तो चिंता का विषय है.
पेशाब करते समय दर्द होने का मतलब है कि कैंसर यूरिन थैली तक पहुंच गया है. ऐसे में तुरंत डॉक्टर से जांच करवाना चाहिए.
आसान है सर्वाइकल कैंसर की जांच
स्त्रीरोग संबंधी आम बीमारियां दवा लेने से भी दूर नहीं हो रही है तो सर्वाइकल कैंसर की जांच जरूरी हो जाती है. यह जांच है पैप स्मीयर टेस्ट. नेशनल इंस्टिट्यूट बायो-टेक्नोलॉजी इन्फोर्मेशन की रिपोर्ट के अनुसार इस कैंसर का पता लगाने के लिए पैप स्मीयर टेस्ट या पैप टेस्ट की सलाह दी जाती है. महज 10 से 20 मिनट में होने वाले इस टेस्ट की रिपोर्ट सामान्य, अस्पष्ट या असामान्य आ सकती है.
सामान्य : अगर पैप टेस्ट का परिणाम सामान्य आता है तो रिपोर्ट को ‘निगेटिव’ बताया जाता है. इसका मतलब है कि टेस्ट में कैंसर के कोई लक्षण नहीं हैं.
अस्पष्ट : टेस्ट रिजल्ट अस्पष्ट भी आ सकते हैं. रिजल्ट अस्पष्ट आने का मतलब है कि आपकी ग्रीवा कोशिकाएं ऐसी दिखती हैं जैसे वे असामान्य हो सकती हैं. यह स्पष्ट नहीं है कि यह एचपीवी से संबंधित है या नहीं. यह गर्भावस्था, रजोनिवृत्ति या संक्रमण जैसे बदलावों से संबंधित हो सकता है. एचपीवी टेस्ट यह पता लगाने में मदद कर सकता है कि क्या आपके सेल में परिवर्तन एचपीवी से संबंधित हैं.
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असामान्य : अगर पैप टेस्ट असामान्य है तो ‘पॉजिटिव रिजल्ट’ कहा जाता है. रिजल्ट पॉजिटिव आने का यह मतलब नहीं है कि आपको कैंसर ही है. इसका मतलब यह है कि गर्भ में कुछ असामान्य कोशिकाएं है जो आगे चलकर कैंसर के रूप में विकसित हो सकती हैं. गर्भाशय ग्रीवा पर असामान्य परिवर्तन एचपीवी द्वारा हो सकता है. परिवर्तन मामूली (कम-ग्रेड) या गंभीर (उच्च-ग्रेड) हो सकते हैं. लेकिन उन कोशिकाओं को हटाया नहीं जाता है तो ये गंभीर बदलाव कैंसर में बदल सकती हैं.
पैप टेस्ट की रिपोर्ट के बाद कुछ मामलों में डॉक्टर अन्य जांचें भी करवाते हैं. कोल्पोस्कोपी के जरिए योनिमार्ग और बच्चेदानी के मुख में होने वाले परिवर्तन या बदलाव की जांच एक यंत्र द्वारा की जाती है. बायोप्सी में बच्चेदानी के मुख से छोटा-सा टुकड़ा लिया जाता है और लैब में कैंसर के परिवर्तन देखे जाते हैं. यह प्रक्रिया बाह्य रोगी विभाग में ही सम्पन्न की जाती है.
बरतें ये तीन बड़ी सावधानियां
शरीर की साफ-सफाई का खास ध्यान रखें. थोड़ी-सी सावधानी आपको इस कैंसर से बचा सकती है. सर्वाइकल कैंसर बच्चेदानी के भीतरी व बाहरी किसी भी सतह पर हो सकता है.
यह कैंसर असुरक्षित यौन संबंध बनाने से भी फैलता है. इसलिए पार्टनर से संबंध बनाते समय सेफ्टी का ध्यान रखें.
अगर महिलाएं नियमित रूप से अपना पैप टेस्ट करवाती हैं तो आप पूरी तरह से इस बीमारी से बच सकती हैं.
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संभव है सर्वाइकल कैंसर का इलाज
सर्वाइकल कैंसर से निजात पाने के लिए वेक्सीनेशन, सर्जरी और कीमोथेरेपी का सहारा लेना पड़ता है. इस बीमारी से बचने के लिए 30 साल से कम उम्र की महिलाओं को वैक्सीन दी जाती, लेकिन इससे भी केवल 70 फीसदी ही बचाव किया जा सकता है.
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